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अण्णा
हजारे के
आव्हान के
अर्थ और
अनर्थ
'हिसार
की जनता से
मेरी अपील है
कि वे
कांग्रेस को
वोट न दें। यह
पार्टी जन
लोकपाल बिल
पारित कराने
के लिए
प्रतिबध्द
नहीं है,इसलिए
इसके
उम्मीदवार को
हराया जाएं।'
(एक
वीडियों
संदेश में
अण्णा हजारे)
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मधुसूदन
आनंद |
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कांच
के घर में
रहने वाले
दूसरों पर
पत्थर नहीं
फेंका करते भाजपा
एवं टीम
अन्ना
भ्रष्टाचार
के आरोपों के
घेरे में ''जो लोग कांच के घरों में रहते हैं वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते।'' इस समय यह शाश्वत कहावत भारतीय जनता पार्टी और टीम अन्ना दोनों पर सौ फीसदी लागू होती है। इन दिनों भारतीय जनता पार्टी और अन्ना हजारे की टीम भ्रष्टाचार के विरूध्द राष्ट्रव्यापी अभियान छेड़े हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम नेता लालकृष्ण आडवानी रथ पर सवार होकर सारे देश में भ्रष्टाचार के विरूध्द जनचेतना फैलाने के प्रयास में लगे हुए हैं।
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एल.एस.हरदेनिया |
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मालेगांव
बाम्बर्स से
मलिक
कादरियों का
महिमामण्डन
कब तक ?
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सुभाष
गाताड़े |
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पाखंड का पर्वत कितना ही विशाल क्यों न हो जाए, सच की एक ठोकर उसे धरासाई कर देती है। गुजरात के मुख्यमंषी नरेंद्र मोदी ने स्वयं को विकास पुरुष घोषित करने के लिए जो-जो हथकंडे अपनाए मानव विकास रिपोर्ट में वे सब खंड-खंड होकर बिखर गए। रिपोर्ट के मुताबिक नरेंद्र मोदी के गुजरात राज्य की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले खराब है। गुजरात में कुपोषित बच्चों की संख्या ज्यादा है, इस मामले में स्वयं का प्रचार कराके विकास पुरुष बने मोदी............ ?
विवेकानंद |
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आरोपियों
के छूट जाने
पर खुश होने
वाली
ख़बर है
कि
मध्यप्रदेश
सरकार निजी
वित्तीय
संस्थाओं से
एक हज़ार करोड़
का कर्ज़ लेने
जा रही है।
प्रदेश के
संसदीय
इतिहास में
ऐसा पहली बार
हो रहा है। जो
प्रदेश
प्राकृतिक
संपदाओं से
भरपूर हो और
जिसके नागरिक
विभिन्न मदों
में सरकार को
कर दे रहे हों,
उस प्रदेश की
आर्थिक
स्थिति जर्जर
क्यों हो रही
है ? ख़ासकर उस
स्थिति में
जब विकास
कार्य लगभग
ठप्प पड़े हों,
तो कर्ज़ लेने
की कोई वजह
समझ में नहीं
आती। सरकारी
ख़जाना तो
पहले से ही
ख़ाली है और
सरकार गले-गले
तक कर्ज़ में
डूबी है। ?
वीरेन्द्र
जैन |
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विभिन्न
राजनेताओं
राजनैतिक
दौरे बहुत ही
महत्वपूर्ण
होते हैं।
भारत जैसे
प्रजातांत्रिक
देश में
विभिन्न
समुदायों के
बीच परस्पर
संबंधों की
प्रगाढ़ता की
दिशा में इस
प्रकार के
दौरों ने
अपनी
उपयोगिता
सिध्द कर दी
है; आम नागरिक राजनेताओं से बड़ी अपेक्षा रखता है। वह राजनेताओं के प्रत्येक क़दमों पर नज़र गढ़ाए हुए है और उनसे अपने सुखद और समृध्द भविष्य की उम्मीद भी रखने लगा है।
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राजेन्द्र
जोशी |
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हमारे
मुल्क में
बीते एक दशक
में जिस तरह
से विकास के
नाम पर
पर्यावरण का
विनाश हुआ,
वैसा शायद ही
कभी हुआ
होगा। गोया
कि किसी भी
पार्टी की
हुकूमत हो,
नीतिगत
निर्णय लेते
वक्त वह
पर्यावरण
संरक्षण की
जरा सी भी
परवाह नहीं
करती।
पर्यावरण की
तरफ से वे
पूरी तरह
अपनी आंखे
मूंद लेती
हैं। यही वजह
है कि
पर्यावरण को
गंभीर
नुक्सान
पहुंचा।
मुल्क के
मुख्तलिफ
हिस्सों में
आज भी ऐसी कई
परियोजनाएं
चल रहीं हैं,
जिनको मंजूरी
देते वक्त
पर्यावरण का
कोई ख्याल
नहीं रखा
गया। ?
जाहिद
खान |
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महाराष्ट्र
के वर्तमान
मुख्यमंत्री
पृथ्वीराज
चव्हाण अन्य
किसी बात के
लिए जाने
जाएं या नहीं
मगर बाद में
इस बात के लिए
जरूर याद किए
जाएंगे कि
उनके
कार्यकाल में
उनके अपने
गृहजिले
सातारा में
तमाम लड़कियों
को नयी पहचान
दी गयी थी,जिसके
अन्तर्गत
माता पिता
द्वारा अपनी
ही बेटियों
को दिए गए
नकारात्मक
बोध से लैस
नामों से
उन्हें
मुक्ति
दिलायी गयी
थी।
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अंजलि
सिन्हा |
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बाजार
भाव पर क्यों
नहीं होती
कृषि मूल्य
वृध्दि कृषि
लागत व मूल्य
आयोग (सीएसीपी)
द्वारा सुझाए
गए गेंहूॅ के
मूल्य वृध्दि
प्रस्ताव को
आधा स्वीकार
करते हुए
केंद्र सरकार
ने रबी की
फसलों का
न्यूनतम
समर्थन मूल्य
घोषित कर
दिया है।
देखने में तो
यह वृध्दि अब
तक की सबसे
अधिक एकमुश्त
वृध्दि कही
जा सकती है
लेकिन बाजार
की दशा को
देखते हुए शक
है कि यह
किसानों के
घावों पर
मरहम लगा
सकेगी।
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सुनील
अमर |
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देश के लिए शर्मनाक 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला न जाने कितनों की बलि लेगा। जैसे-जैसे इसकी परतें खुलती जा रही हैं, वैसे-वैसे नए-नए घोटालेबाज चेहरे सामने आते जा रहे हैं। अब एक नया तथ्य सामने आया है कि इस घोटाले की शुरुआत ए. राजा ने नहीं, बल्कि दयानिधि मारन ने की थी। केंद्र में दयानिधि मारन का कद आज की तारीख में इतना है कि इस घोटाले में सहभागिता के कारण उन्हें अपने पद से इस्तीफा देने के चार महीने बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। अभी तक उनकी धरपकड़ नहीं हुई है।
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डॉ.
महेश परिमल |
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